जुल्मी बड़ी औकात पे
ये रात आई है
मन तो है मेरा पावन
मगर यौवन हरजाई है
हो कैसे हो मिलन बोके पिया से
जान मेरी अटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की
पन पन पन पनघट की
पन पन पन पनघट की
पन पन पन पनघट की
बहुत कठिन है डगर पनघट की
पन पन पन पनघट की
पन पन पन पनघट की
पन पन पन पनघट की
बहुत कठिन है डगर पनघट की
पनघट पे गट गट करके
पीती रहती पीती रहती
पीती रहती पीती रहती
सांवरिया बिन सजना क्यु
जीती रहती जीती रहती
जीती रहती जीती रहती
पनघट पे गट गट करके
पीती रहती पीती रहती
पीती रहती पीती रहती
सांवरिया बिन सजना क्यु
जीती रहती जीती रहती
जीती रहती जीती रहती
अच्छा!
पटती पटे पटनति
क्यूँ तू इतना बनती
घना attitude घमंडी
पर बनेगी तू मेरी बंदी
बहुत कठिन है डगर पनघट की
सईया बाबु जी बम्बईया
तेरी बटरफ्लाईयां
कब से बैठी तेरी राह तके
हईयां अपने प्यार कि नईया
बीच भंवर में दईयां
पार लगा जोगन के भाग जगे
ओ मेरी फुलझडीया रे
सब्र जरा करियो रे
सब्र करते हुए कितना भरू मैं
हेण्डपम्प से मटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की
पन पन पन पनघट की
पन पन पन पनघट की
पन पन पन पनघट की
बहुत कठिन है डगर पनघट की
पन पन पन पनघट की
पन पन पन पनघट की
पन पन पन पनघट की
बहुत कठिन है डगर पनघट की
पनघट पे गट गट करके
पीती रहती पीती रहती
पीती रहती पीती रहती
सांवरिया बिन सजना के
जीती रहती जीती रहती
जीती रहती जीती रहती
पन पन पन पन पन पन
बहुत कठिन है डगर पनघट की
पन पन पन पनघट की